अलास्का में ट्रंप और पुतिन की शिखर वार्ता सम्पन्न : यूक्रेन युद्ध पर जल्द ही जेलेंस्की और NATO नेताओं से होगी बातचीत

अलास्का में ट्रंप और पुतिन की शिखर वार्ता सम्पन्न : यूक्रेन युद्ध पर जल्द ही जेलेंस्की और NATO नेताओं से होगी बातचीत

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को (स्थानीय समयानुसार) अलास्का के एंकोरेज में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने कहा कि बैठक “अच्छी” रही और “काफी प्रगति” हुई है, लेकिन अभी कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है। ट्रंप ने कहा कि वे जल्द ही नाटो (NATO), यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और अन्य नेताओं से फोन पर बात करेंगे। उन्होंने कहा, “हमने कई मुद्दों पर सहमति बनाई है, और समझौते तक पहुंचने की अच्छी संभावना है। लेकिन कोई डील तब तक नहीं होती जब तक वो पूरी न हो जाए।”

बैठक में ट्रंप के साथ विदेश मंत्री मार्को रुबियो, विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। रूस की ओर से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलूसोय और पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव मौजूद थे। तीन चरणों में होने वाली इस शिखर बैठक को छोटा कर सीधे दूसरे चरण की वार्ता की गई।

वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध तब खत्म होगा जब इसके “मूल कारणों” को दूर किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि अगर 2022 में ट्रंप राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध नहीं होता। पुतिन ने कहा, “रूस यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के पक्ष में है, लेकिन हमें यूरोप और दुनिया में सुरक्षा का संतुलन बहाल करना होगा।”

पुतिन ने यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं से अपील की कि वे “उभरती प्रगति में बाधा न डालें”। उन्होंने यह भी कहा कि रूस की “सच्ची इच्छा” है कि यह युद्ध खत्म हो। ट्रंप ने कहा कि वे समझौते पर यूक्रेन की सहमति को आवश्यक मानते हैं। उन्होंने दोहराया कि वे केवल बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन अंतिम फैसला जेलेंस्की और यूक्रेन सरकार पर होगा। दोनों नेताओं ने रिपोर्टरों के सवाल नहीं लिए। पुतिन ने आठ मिनट तक भाषण दिया, जबकि ट्रंप ने चार मिनट तक बोलते हुए इसे “बहुत अच्छा और भरोसेमंद संपर्क” बताया।

बैठक के अंत में पुतिन ने अगली मुलाकात मॉस्को में करने का सुझाव दिया। इस पर ट्रंप ने कहा कि यह “विवादित” होगा लेकिन संभव है। ट्रंप ने कहा कि उनके और पुतिन के बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं, हालांकि 2016 के चुनाव में रूस हस्तक्षेप की जांच ने रिश्तों को जटिल बना दिया था। करीब तीन घंटे चली इस बैठक में युद्धविराम या किसी ढांचे पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। फिर भी दोनों नेताओं ने संकेत दिए कि वार्ता शांति की दिशा में आगे बढ़ सकती है।-(IANS)