कर्नाटक में कांग्रेस के बाद अब बीजेपी में खटपट, जारकीहोली के नेतृत्व में असंतुष्ट गुट की बैठक

कर्नाटक में कभी कांग्रेस को कभी बीजेपी में अंदरूनी कलह की खबरें आ रही हैं। पिछले सप्ताह ऐसा लगा था कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री का चेहरा बदल सकता है, लेकिन अब बीजेपी के खेमे से खबर आई है कि उसके असंतुष्ट गुट ने शक्ति-प्रदर्शन किया है।

पिछले सप्ताह कर्नाटक की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में अंदरूनी उठापटक की खबरों ने सुर्खियां बटोरीं और अब वहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक गुट में असंतोष की खबर सामने आ गई है। भाजपा के इस असंतुष्ट गुट ने सोमवार को पार्टी के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) लखन जारकीहोली के आवास पर बैठक की। यह गुट तीन बागी विधायकों को पार्टी से निकाले जाने के बाद से अब तक शांत था।

जारकीहोली की बैठक में ये नेता रहे शामिल

लखन जारकीहोली के विधायक भाई और पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली, हरिहर से विधायक बीपी हरीश, पूर्व विधायक कुमार बंगारप्पा, अरविंद लिंबावली, श्रीमंत पाटिल और महेश कुमाथल्ली बैठक में मौजूद थे। लखन के आवास पर रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो वायरल हुआ है। भाजपा सूत्रों ने कहा कि रमेश जारकीहोली ने गोकक में वार्षिक धार्मिक मेले ‘लक्ष्मी देवी जात्रे’ के अवसर पर बागी गुट को आमंत्रित किया था।

बैठक के जरिए जारकीहोली का शक्ति-प्रदर्शन

सूत्रों ने बताया कि यह वार्षिक आयोजन रमेश जारकीहोली और उनके परिवार का पर्याय है। उन्होंने कहा कि यह मेला उनका शक्ति-प्रदर्शन है। दो दिन पहले ही भाजपा से निष्कासित विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने भी लक्ष्मी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की थी।

जारकीहोली के साथ यतनाल भी

कभी बागी गुट का नेतृत्व यतनाल कर रहे थे जो पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और उनके बेटों के खिलाफ मुखर रहे थे। येदियुरप्पा के एक बेटे बीवाई विजयेंद्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं जबकि दूसरे बेटे बीवाई राघवेंद्र शिवमोगा से सांसद हैं। सूत्रों ने बताया कि यतनाल ने अपनी यात्रा के दौरान रमेश जारकीहोली से भी बातचीत की।

वक्फ कानून के विरोध में यतनाल ने किया था मार्च

यतनाल के निष्कासन से पहले विद्रोही गुट विजयेंद्र के नेतृत्व पर सवाल उठा रहा था। उन्होंने वक्फ कानून के खिलाफ यतनाल के मार्च का भी समर्थन किया था। पिछले साल भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने वक्फ कानून पर सख्ती बरतने के बाद इसे बीच में ही छोड़ दिया था। सूत्रों ने दावा किया कि चूंकि भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है, इसलिए बागी गुट ने अपने उम्मीदवार को शीर्ष पद पर पहुंचाने के तरीके पर चर्चा की।