
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा सुविधा सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने बुधवार को देशभर में सिविल सेक्टर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय (KVs) खोलने को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के लिए अगले नौ वर्षों (2026-27 से) में 5,862 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे।
इस योजना में लगभग 2,585.52 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय और 3,277.03 करोड़ रुपये परिचालन व्यय शामिल हैं। इनमें से 20 विद्यालय ऐसे जिलों में खोले जाएंगे जहाँ वर्तमान में कोई केंद्रीय विद्यालय नहीं है, जबकि वहाँ केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या काफी है। इसके अलावा, 14 विद्यालय आकांक्षी जिलों में, 4 विद्यालय वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों (LWE) में और 5 विद्यालय उत्तर-पूर्वी/पहाड़ी क्षेत्रों में प्रस्तावित हैं।
इस नए प्रस्ताव के साथ पहले से स्वीकृत 85 केंद्रीय विद्यालयों के अलावा, अब कुल 142 केंद्रीय विद्यालय पूरे देश में कार्यरत होंगे। इस विस्तार से केंद्रीय विद्यालयों की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
प्रत्येक केंद्रीय विद्यालय में लगभग 1,520 छात्रों के लिए सुविधाएं होंगी, जिससे कुल 86,640 छात्रों को लाभ मिलेगा। एक पूर्ण केंद्रीय विद्यालय में लगभग 81 लोग कार्यरत होते हैं। ऐसे में 57 नए KVs बनने से करीब 4,617 स्थायी रोजगार के अवसर सृजित होंगे। साथ ही निर्माण और संबंधित कार्यों से कई कुशल और अकुशल श्रमिकों को रोजगार मिलेगा।
केंद्र सरकार ने नवंबर 1962 में KVs की स्थापना की थी, ताकि देशभर में केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों को समान स्तर की शिक्षा मिल सके। इसके तहत “सेंट्रल स्कूल्स ऑर्गनाइजेशन” को शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत शुरू किया गया था। वर्तमान में देश और विदेश में कुल 1,288 केंद्रीय विद्यालय कार्यरत हैं, जिनमें तीन विदेश स्थित (मॉस्को, काठमांडू और तेहरान) शामिल हैं। 30 जून तक इन विद्यालयों में लगभग 13.62 लाख छात्र पढ़ रहे हैं।
