
उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली तहसील क्षेत्र में अचानक बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस आपदा से कई मकान, दुकानें, तहसील परिसर और उपजिलाधिकारी (एसडीएम) का सरकारी आवास पानी और मलबे से भर गए। तेज बहाव और मलबे की चपेट में आने से इलाके का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बताया जा रहा है कि सगवाड़ा गांव में कम से कम दो लोग लापता हैं, जबकि एक अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। कई सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिससे थराली और आसपास के गांवों से संपर्क टूट गया है और राहत पहुंचाना मुश्किल हो गया है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत अभियान शुरू किया। गोचर स्थित आठवीं बटालियन से एक प्लाटून बल सुबह 08:30 बजे रवाना हुआ और लगभग 10:30 बजे थराली पहुंच गया। मौके पर पहुंचते ही जवानों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। आईटीबीपी की टीम ने प्रभावित गांवों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और आवश्यक मदद पहुंचाने का कार्य किया। इसके साथ ही चेपड़ा गांव में एक लापता व्यक्ति की तलाश के लिए विशेष सर्च ऑपरेशन भी जारी है।
इस अभियान में आईटीबीपी स्थानीय प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और पुलिस के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य कर रही है। जवान मलबा हटाने, प्रभावित परिवारों को सुरक्षित निकालने और जरूरी सहयोग उपलब्ध कराने में सक्रिय हैं।
आईटीबीपी देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ हर प्राकृतिक आपदा में भी देशवासियों के साथ खड़ी है। बल ने अपने ध्येय वाक्य “शौर्य – दृढ़ता – कर्मनिष्ठा” को दोहराते हुए भरोसा दिलाया है कि प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
वहीं, चमोली के एडीएम विवेक प्रकाश ने बताया कि थराली में बादल फटने की घटना के कारण काफी नुकसान हुआ है। मलबे की चपेट में आने से कविता नाम की महिला के दबने का पता चला है, जबकि एक व्यक्ति के लापता होने की जानकारी मिली है। घटना की जानकारी मिलते ही हमारी टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।