
भारत निर्वाचन आयोग ने प्रमुख राज्यों में विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के लिए विशेष रोल प्रेक्षकों (स्पेशल रोल ऑब्जर्वर्स-एसआरओ) की तैनाती की है। आयोग ने शुक्रवार को जारी एक प्रेस नोट में इसकी जानकारी दी।
मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की प्रक्रिया फरवरी 2026 तक पूरी की जानी है
प्रेस नोट के अनुसार, ये प्रेक्षक पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चल रहे एसआईआर की निगरानी करेंगे। इन राज्यों में मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की प्रक्रिया फरवरी 2026 तक पूरी की जानी है। निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त किए गए विशेष रोल प्रेक्षकों ने अपना कार्य शुरू कर दिया है। वे सप्ताह में दो दिन संबंधित राज्यों में मौजूद रहेंगे और मतदाता सूची के पुनरीक्षण से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं पर नजर रखेंगे। आयोग का कहना है कि यह कदम पुनरीक्षण कार्य की गुणवत्ता, पारदर्शिता और भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
बैठकें वर्चुअल माध्यम से भी आयोजित की जा सकती हैं
विशेष रोल प्रेक्षक राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के नेतृत्व से बैठकें भी करेंगे। इन बैठकों का उद्देश्य राजनीतिक दलों के सुझावों, शिकायतों और अपेक्षाओं को समझना और मतदाता सूची पुनरीक्षण को अधिक व्यापक एवं निष्पक्ष बनाना है। इसके साथ ही एसआरओ संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) और जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के साथ भी नियमित बैठकें करेंगे। ये बैठकें भौतिक रूप से या वर्चुअल माध्यम से आयोजित की जा सकती हैं, ताकि किसी भी समस्या का त्वरित समाधान किया जा सके।
पारदर्शी और अद्यतन मतदाता सूची लोकतांत्रिक प्रक्रिया की नींव
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि विशेष रोल प्रेक्षक एसआईआर के पूरे संचालन पर करीबी नजर रखेंगे, ताकि कोई पात्र मतदाता सूची से बाहर न रह जाए और कोई अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो सके। आयोग का कहना है कि पारदर्शी और अद्यतन मतदाता सूची लोकतांत्रिक प्रक्रिया की नींव है, और इन्हीं लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विशेष प्रेक्षकों की नियुक्ति की गई है। (इनपुट: आईएएनएस)
