
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने देश की चुनावी प्रणाली को अधिक पारदर्शी और स्वच्छ बनाने के प्रयास में बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने आज सोमवार को बताया कि उसने 476 पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन दलों ने पिछले छह वर्षों में कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है, जो पंजीकरण की एक अनिवार्य शर्त है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29(क) के तहत, पंजीकृत राजनीतिक दलों को चुनाव चिन्ह और कर छूट जैसे विशेषाधिकार मिलते हैं। लेकिन यदि कोई दल लगातार 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ता, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। इसी प्रावधान के तहत चुनाव आयोग देशभर में अभियान चला रहा है।
पहले चरण में, 9 अगस्त 2025 को आयोग ने 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटा दिया था, जिससे इनकी कुल संख्या 2,854 से घटकर 2,520 हो गई थी। अब दूसरे चरण में 476 और ऐसे दलों की पहचान की गई है, जो अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पंजीकृत हैं।
इन 476 दलों में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से 1, आंध्र प्रदेश से 17, असम से 3, बिहार से 15, चंडीगढ़ से 1, छत्तीसगढ़ से 7, दिल्ली से 41, गोवा से 5, गुजरात से 10, हरियाणा से 17, हिमाचल प्रदेश से 2, जम्मू-कश्मीर से 12, झारखंड से 5, कर्नाटक से 10, केरल से 11, मध्य प्रदेश से 23, महाराष्ट्र से 44, मणिपुर से 2, मेघालय से 4, मिजोरम से 2, नागालैंड से 2, ओडिशा से 7, पंजाब से 21, राजस्थान से 18, तमिलनाडु से 42, तेलंगाना से 9, त्रिपुरा से 1, उत्तर प्रदेश से 121, उत्तराखंड से 11 और पश्चिम बंगाल से 12 दल शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) को निर्देश दिया है कि वे इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करें और सुनवाई के जरिए अपना पक्ष रखने का अवसर दें। इसके बाद, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर अंतिम फैसला स्वयं चुनाव आयोग द्वारा लिया जाएगा।-(IANS)