
केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में व्यापक कटौती कर किसानों, सहकारिताओं और ग्रामीण उद्यमों को बड़ी राहत दी है। इस फैसले से देशभर के लगभग 10 करोड़ डेयरी किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाए गए इस “नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म” का अमूल सहित पूरे दुग्ध सहकारी क्षेत्र ने स्वागत किया है।
अब दूध और पनीर, चाहे ब्रांडेड हों या बिना ब्रांड के, पूरी तरह जीएसटी से मुक्त होंगे। मक्खन, घी और अन्य दुग्ध उत्पादों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। लोहे, स्टील और एल्युमिनियम से बने दूध के कनस्तरों पर भी टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे डेयरी किसानों, विशेषकर महिला-नेतृत्व वाले समूहों और स्वयं सहायता समूहों को सीधी राहत मिलेगी और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
वहीं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी बड़ी कटौती की गई है। चीज, नमकीन, मक्खन और पास्ता पर जीएसटी 12 या 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह जैम, जेली, खमीर, भुजिया और फलों का गूदा व जूस आधारित पेय पदार्थ अब सिर्फ 5 प्रतिशत टैक्स पर मिलेंगे। चॉकलेट, कॉर्न फ्लेक्स, आइसक्रीम, पेस्ट्री, केक, बिस्किट और कॉफी पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे घर-परिवार का खर्च घटेगा और ग्रामीण तथा अर्ध-शहरी इलाकों में मांग बढ़ेगी।
पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स लागत कम करने के लिए पैकिंग पेपर, डिब्बे और पेटियों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। कृषि यंत्र क्षेत्र में 1800 सीसी से कम क्षमता वाले ट्रैक्टरों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। ट्रैक्टर के टायर, ट्यूब, हाइड्रोलिक पंप और अन्य पुर्जों पर टैक्स 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे खेती और पशुपालन दोनों क्षेत्रों को सीधा फायदा होगा।
उर्वरक क्षेत्र में अमोनिया, सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल जैसे कच्चे माल पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे उर्वरक कंपनियों की लागत घटेगी और किसानों को समय पर सस्ते दामों पर उर्वरक मिलेंगे। साथ ही 12 बायो-पेस्टीसाइड और कई सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा और छोटे किसानों व एफपीओ को लाभ होगा।
ट्रक और डिलीवरी वैन जैसे मालवाहक वाहनों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। मालवाहक वाहनों के थर्ड-पार्टी बीमा पर टैक्स घटाकर 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत कर दिया गया है और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की सुविधा भी दी गई है। इससे ट्रकों की लागत कम होगी, माल ढुलाई सस्ती होगी और कृषि उत्पादों की प्रतिस्पर्धा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी।
सरकार के इन सुधारों से न सिर्फ किसानों और सहकारिताओं की आय बढ़ेगी बल्कि उपभोक्ताओं को भी आवश्यक खाद्य और दुग्ध उत्पाद सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे।-