तत्काल टिकटों में पारदर्शिता बढ़ाने हेतु रेलवे ने 3.02 करोड़ संदिग्ध यूज़र आईडी किए निष्क्रिय

तत्काल टिकटों में पारदर्शिता बढ़ाने हेतु रेलवे ने 3.02 करोड़ संदिग्ध यूज़र आईडी किए निष्क्रिय

भारतीय रेलवे ने आरक्षण प्रणाली के प्रदर्शन को मजबूत बनाने और तत्काल टिकटों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए लगभग 3.02 करोड़ संदिग्ध यूज़र आईडी को निष्क्रिय किया है। यह जानकारी गुरुवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।

यूज़र अकाउंट्स का कड़ा पुनर्मूल्यांकन और सत्यापन

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नियमित और तत्काल टिकटों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए यूज़र अकाउंट्स का कड़ा पुनर्मूल्यांकन और सत्यापन किया गया। जनवरी 2025 से अब तक लगभग 3.02 करोड़ संदिग्ध यूज़र आईडी को निष्क्रिय किया जा चुका है।

रेलवे ने अकामाई जैसे एंटी-बॉट समाधानों को भी किया शामिल 

रेलवे ने अकामाई जैसे एंटी-बॉट समाधानों को भी शामिल किया है, ताकि फर्जी यूज़र्स को हटाया जा सके और वैध यात्रियों के लिए सुचारू बुकिंग सुनिश्चित हो सके।

वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित सत्यापन

मंत्री ने बताया कि तत्काल टिकट बुकिंग में दुरुपयोग रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित सत्यापन को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। 4 दिसंबर 2025 तक यह सुविधा 322 रेलगाड़ियों में सक्रिय हो चुकी है। इन उपायों के कारण इन रेलगाड़ियों में से लगभग 65 प्रतिशत में तत्काल टिकट उपलब्ध रहने का समय बढ़ा है।

आधार-आधारित ओटीपी सत्यापन भी शुरू

इसके अलावा, आरक्षण काउंटरों पर तत्काल बुकिंग के लिए आधार-आधारित ओटीपी सत्यापन भी शुरू किया जा रहा है। 4 दिसंबर तक यह सुविधा 211 रेलगाड़ियों में लागू हो चुकी है। इन उपायों के परिणामस्वरूप 96 लोकप्रिय रेलगाड़ियों में से लगभग 95 प्रतिशत में तत्काल टिकट उपलब्धता का समय पहले की तुलना में बढ़ गया है।

साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड व्यापक साइबर सुरक्षा इंटेलिजेंस सेवाएं प्रदान करता है

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड व्यापक साइबर सुरक्षा इंटेलिजेंस सेवाएं प्रदान करता है, जिनमें टेक-डाउन सेवाएं, खतरा निगरानी, डीप और डार्क वेब मॉनिटरिंग और डिजिटल रिस्क प्रोटेक्शन शामिल हैं। ये सेवाएं उभरते साइबर खतरों के बारे में सक्रिय और कार्रवाई योग्य जानकारी उपलब्ध कराती हैं और बेहतर घटना प्रतिक्रिया सुनिश्चित करती हैं। (इनपुट: आईएएनएस)