
धमतरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर : मुफ्त बिजली योजना’ छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में लोगों की जिंदगी बदल रही है। इस योजना के तहत लोगों को अपने घरों की छत पर सोलर पैनल लगवाने के लिए सरकार से भारी सब्सिडी मिल रही है। अब तक धमतरी जिले में 4000 से ज्यादा परिवारों ने सोलर रूफटॉप सिस्टम के लिए आवेदन किया है।
गोकुलपुर वार्ड के रहने वाले सोनकर परिवार ने बताया कि योजना की जानकारी मिलते ही उन्होंने बिजली विभाग और नगर निगम से संपर्क कर पूरी प्रक्रिया समझी और दस्तावेज जमा कर आवेदन किया। महज 15 दिन में साइट निरीक्षण हुआ और सोलर पैनल सिस्टम लग भी गया। परिवार के मुखिया एस.आर. सोनकर ने बताया कि उनके घर में 9 से 10 कमरे हैं, जहां पंखे, कूलर जैसे उपकरण आसानी से चलते हैं। पहले हर महीने करीब 2,000 रुपये का बिजली बिल आता था, लेकिन अब बिल शून्य हो गया है। इतना ही नहीं, अब उनके द्वारा अतिरिक्त बिजली उत्पादन से 3,000 रुपये का क्रेडिट स्थानीय बिजली विभाग के पास जमा हो गया है।
उन्होंने बताया कि इस सिस्टम की कुल लागत करीब 1.85 लाख रुपये आई थी, जिसमें केंद्र सरकार से 78,000 रुपये और राज्य सरकार से 30,000 रुपये की सब्सिडी मिली। इस सहायता ने उनके लिए यह योजना सुलभ बना दी। एस.आर. सोनकर के बेटे शेखर सोनकर ने बताया कि वे घर के ग्राउंड फ्लोर पर एक स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं, जो पूरी तरह सोलर एनर्जी से संचालित हो रही है। दुकान में पंखे, बल्ब और टीवी जैसे उपकरण चलाने पर भी उन्हें कोई बिजली बिल नहीं देना पड़ता।
इस योजना से मिली राहत के लिए सोनकर परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल आर्थिक रूप से मदद कर रही है बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। सोनकर परिवार की सफलता ने आसपास के लोगों को भी प्रेरित किया है। उनके पड़ोसी लक्ष्मीधर दीवान सहित कई लोग अब इस योजना का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं।
धमतरी के जिलाधिकारी अभिनाश मिश्रा ने बताया कि अब तक 4000 से ज्यादा आवेदन प्राप्त हो चुके हैं और कार्य तेजी से जारी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि हर योग्य आवेदक को योजना के तहत सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 1.85 लाख रुपये की लागत वाले सिस्टम पर 1.08 लाख रुपये की कुल सब्सिडी मिल रही है, जिससे यह आम लोगों के लिए किफायती बन गया है। यह योजना अब जिले में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। लोग न केवल अपने बिजली बिलों से छुटकारा पा रहे हैं, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा को अपनाकर पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान दे रहे हैं।