
नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की आज शुक्रवार को अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगी। यह कदम प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद उठाया गया है, जिन्होंने युवाओं के नेतृत्व में चल रहे बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों के कारण पद छोड़ा। राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह आज शाम 8:45 बजे स्थानीय समय पर राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में आयोजित होगा। सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। उन्होंने जुलाई 2016 से जून 2017 तक इस पद पर काम किया। वे अपने कडे़ फैसलों के लिए जानी जाती हैं। उनका वकालत का सफर 1979 में शुरू हुआ, 2007 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया और 2009 में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश नियुक्त हुईं। देश में चल रहे जेन-जेड आंदोलन के नेताओं ने उनके नाम का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कार्की निष्पक्ष और विश्वसनीय हैं, इसलिए वे इस कठिन समय में सही विकल्प साबित होंगी।
इसी बीच नेपाल की संसद को भंग कर दिया गया है। यह कदम उन प्रदर्शनों की प्रमुख मांगों में से एक था, जो भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ भड़क उठे थे। हालांकि, कई राजनीतिक दलों और सिविल सोसायटी समूहों ने संवैधानिक प्रक्रियाओं के पालन की अपील की है। वहीं आज प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष और राष्ट्रीय सभा के सभापति ने संयुक्त बयान जारी किया। उन्होंने प्रदर्शनों में हुई मौतों पर संवेदना जताई और घायलों के लिए चिकित्सकीय सहयोग की अपील की। साथ ही उन्होंने हिंसा और आगजनी की घटनाओं की निंदा की, जिनमें बनश्वोर, सिंहदरबार और अन्य इलाकों में सरकारी कार्यालयों, मीडिया हाउस, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और ऐतिहासिक अभिलेखों को नुकसान पहुंचा।
संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि राष्ट्रपति देश की संप्रभुता, नागरिक स्वतंत्रता, राष्ट्रीय एकता और क़ानून के शासन को बनाए रखते हुए संवैधानिक समाधान खोजने के प्रयास कर रही हैं।-
