
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 16 दिसंबर 2025 को एक अहम निर्देश जारी करते हुए भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) द्वारा विनियमित सभी संस्थाओं के लिए ‘1600’ श्रृंखला वाले फोन नंबर अपनाना अनिवार्य कर दिया है। बीमा कंपनियों को उपभोक्ताओं से सेवा और लेनदेन से जुड़ी कॉल करने के लिए 15 फरवरी 2026 तक इस नंबर श्रृंखला को अपनाना होगा। यह आदेश आईआरडीएआई के परामर्श से जारी किया गया है।
ट्राई के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाना, स्पैम कॉल पर रोक लगाना और वॉयस कॉल के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को कम करना है। इससे पहले ट्राई इसी तरह के निर्देश भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा विनियमित संस्थाओं के लिए भी जारी कर चुका है।
इस पहल के तहत दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र की संस्थाओं तथा सरकारी संगठनों को 1600 श्रृंखला वाले नंबर आवंटित किए हैं। इसका उद्देश्य इन संस्थाओं की सेवा और लेनदेन संबंधी कॉल को अन्य व्यावसायिक कॉल से स्पष्ट रूप से अलग पहचान देना है, ताकि नागरिक आसानी से वैध कॉल की पहचान कर सकें।
ट्राई ने टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं, बीएफएसआई संस्थाओं और संबंधित नियामकों के साथ मिलकर इस व्यवस्था को लागू करने के लिए लगातार समन्वय किया है। अब तक करीब 570 संस्थाएं 1600 श्रृंखला को अपना चुकी हैं और 3000 से अधिक नंबरों की सदस्यता ली जा चुकी है। हालांकि, कुछ संस्थाएं अभी भी पुराने 10 अंकों वाले नंबरों का उपयोग कर रही थीं, जिसे देखते हुए ट्राई ने इसे समयबद्ध तरीके से अनिवार्य करने का निर्णय लिया है।
ट्राई का मानना है कि 1600 श्रृंखला के नंबरों को व्यापक रूप से अपनाने से उपभोक्ता सुरक्षा मजबूत होगी और वित्तीय संस्थानों के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी तथा भ्रामक कॉल की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आएगी।
(इनपुट- PIB)
