भारत-कनाडा संबंधों में सुधार: डोभाल और ड्रोइन की बैठक से खालिस्तान मुद्दे पर सहयोग बढ़ा

भारत-कनाडा संबंधों में सुधार: डोभाल और ड्रोइन की बैठक से खालिस्तान मुद्दे पर सहयोग बढ़ा

भारत और कनाडा के बीच संबंध लंबे समय से खालिस्तान मुद्दे को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और उनकी कनाडाई समकक्ष नथाली ड्रोइन के बीच हाल की उच्च स्तरीय वार्ता के बाद सहयोग के संकेत मिल रहे हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों के कारण संबंधों में खिंचाव आया था। हालांकि, मार्क कैरनी की नई सरकार के आने के बाद संबंधों में सुधार हो रहा है। बड़ी प्रगति तब हुई जब कनाडाई अधिकारियों ने खालिस्तान जनमत संग्रह के प्रमुख समन्वयक इंदरजीत सिंह गोसल को गिरफ्तार किया, जो भारत द्वारा साझा की गई खुफिया जानकारी पर आधारित था।

अधिकारियों ने बताया कि भारत ने खालिस्तानियों के बारे में लगातार डोसियर कनाडा को भेजे हैं, लेकिन पहले कनाडा इस पर कार्रवाई नहीं करता था। इस बार, दोनों देशों की एजेंसियों के बीच समन्वय के कारण गोसल की गिरफ्तारी संभव हो सकी।

NSA डोभाल और उनकी टीम कनाडा के साथ करीबी तालमेल बनाए हुए हैं। दोनों देशों ने खालिस्तानियों के खिलाफ खुफिया जानकारी साझा करने और कूटनीतिक स्तर पर इस मुद्दे पर काम करने का भी निर्णय लिया है।

अधिकारियों ने बताया कि खालिस्तान आंदोलन भारत में पूरी तरह विफल हो चुका है। पंजाब में अलग राष्ट्र बनाने की कई कोशिशें सुरक्षा उपायों और युवाओं के आंदोलन में रुचि न लेने के कारण नाकाम रही हैं। इसके परिणामस्वरूप खालिस्तानी तत्व कनाडा में अधिक आक्रामक हो रहे हैं और वहां के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

भारत ने कनाडा को अब तक 26 प्रत्यर्पण अनुरोध भेजे हैं, जिनमें से 5 पर कार्रवाई हुई है, जबकि बाकी लंबित हैं। इस गिरफ्तारी को इस लंबी लड़ाई में पहला कदम माना जा रहा है।