भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन : दोनों देशों ने रक्षा, व्यापार और इंडो-पैसिफिक सहयोग पर जताई सहमति

भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन : दोनों देशों ने रक्षा, व्यापार और इंडो-पैसिफिक सहयोग पर जताई सहमति

भारत और जापान ने आज शुक्रवार को 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान सुरक्षा सहयोग, व्यापार और इंडो पैसिफिक सहयोग पर संयुक्त घोषणा की। इसके तहत दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने,अंतरराष्ट्रीय कानून आधारित व्यवस्था को मजबूत करने और रक्षा सहयोग को गहराई देने का संकल्प लिया। समझौते के मुताबिक दोनों सेनाओं के बीच और अधिक जटिल और उन्नत सैन्य अभ्यास होंगे और मानवीय व आपदा राहत कार्यों में सहयोग बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही दोनों देशों के विशेष बलों के बीच सहयोग और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट साझा करने पर भी जोर दिया जाएगा। इसके अलावा आतंकवाद-रोधी, शांति स्थापना और साइबर रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने का फैसला लिया गया है।

वहीं दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। इसमें दोनों देशों की नौसेनाओं और तटरक्षकों के बीच अधिक बार अभ्यास और बंदरगाह यात्राएं, समुद्री निगरानी में सहयोग, समुद्री अपराधों के खिलाफ कानून प्रवर्तन और आपदा प्रबंधन में साझेदारी शामिल हैं। औद्योगिक और तकनीकी सहयोग को लेकर दोनों देशों ने रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी के सह-विकास और सह-उत्पादन की संभावनाओं का अध्ययन करने, रक्षा उद्योग फोरम को पुनर्जीवित करने और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) तथा जापान की ATLA के बीच सहयोग बढ़ाने का फैसला किया। इसमें महत्वपूर्ण खनिज, सैन्य चिकित्सा और आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं।

भारत और जापान ने नई और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स, जैव प्रौद्योगिकी और स्पेस में भी सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया है। साथ ही, स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस और अंतरिक्ष मलबे के प्रबंधन पर भी मिलकर काम करेंगे। क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर दोनों देशों ने आतंकवाद की हर रूप में निंदा की और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली सामग्री व वित्तीय सहायता को तुरंत समाप्त करने का आह्वान किया। इसके अलावा दोनों देशों ने एक-दूसरे के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन करने और परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संवाद को और मजबूत करने पर भी सहमति बनी। इसमें विदेश और रक्षा मंत्रियों की 2+2 वार्ता, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की वार्षिक बैठक, आर्थिक सुरक्षा संवाद, तटरक्षक प्रमुखों की बैठक और थिंक-टैंकों का ट्रैक 1.5 संवाद शामिल होगा। इस घोषणा के साथ भारत-जापान विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी एक नए चरण में प्रवेश कर गई है, जो दोनों देशों की साझा प्राथमिकताओं और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति व स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होगी।-