भारत-नेपाल सीमा पर सामान्य हो रहे हालात, अंतरिम सरकार गठन के बाद व्यापारिक गतिविधियों में रफ्तार

भारत-नेपाल सीमा पर सामान्य हो रहे हालात, अंतरिम सरकार गठन के बाद व्यापारिक गतिविधियों में रफ्तार

नेपाल में हाल ही में बनी अंतरिम सरकार के बाद भारत-नेपाल सीमा पर हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं। शनिवार को रुपईडीहा बॉर्डर पर यात्री वाहन, कार, मोटरसाइकिल, पैदल यात्री और मालवाहक ट्रक गुजरते देखे गए। बड़ी संख्या में कारोबारी ट्रक नेपाल में दाखिल हुए, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को तेजी मिली है। हालांकि, आम नागरिकों की आवाजाही अभी भी सीमित नजर आ रही है।

हालांकि सीमा चौकियों पर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह चौकन्नी हैं और हर नागरिक व वाहन की लगातार निगरानी की जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, हालात पहले की तुलना में काफी शांत हैं और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सामान्य जनजीवन पूरी तरह बहाल हो जाएगा।

नेपाल में हाल ही में हुए बड़े पैमाने पर “जेन-जी” विरोध प्रदर्शनों ने देश को हिला दिया था। यह आंदोलन तब शुरू हुआ जब सरकार ने कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन जल्द ही यह आंदोलन भ्रष्टाचार, राजनीतिक भाई-भतीजावाद, आर्थिक असमानता और युवाओं में बेरोजगारी जैसे मुद्दों के खिलाफ बड़े जनआंदोलन में बदल गया।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘डिस्कॉर्ड’ जैसे माध्यमों ने इस आंदोलन को संगठित करने में अहम भूमिका निभाई। देखते ही देखते हजारों युवा सड़कों पर उतर आए। आंदोलन हिंसक झड़पों में बदल गया, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और सरकारी भवनों, राजनीतिक दलों के दफ्तरों सहित कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा।

बढ़ते दबाव और हिंसा की घटनाओं के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद नेपाल की राजनीति में अहम बदलाव हुआ और पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। नई सरकार बनने के बाद अब हालात स्थिर होते नजर आ रहे हैं। व्यापार पटरी पर लौट रहा है और कारोबारी वर्ग ने राहत की सांस ली है। हालांकि, आम नागरिकों की आवाजाही को लेकर अभी भी कुछ हिचक बनी हुई है।