
दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा है कि पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला जम्मू-कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और धार्मिक विभाजन पैदा करने के लिए जानबूझकर किया गया था। मंगलवार शाम चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद को कतई बर्दाश्त न करने की नीति अपनाने का आह्वान किया।
पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा का उल्लेख कर कही यह बात
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा 22 अप्रैल के हमले की कड़ी निंदा को याद करते हुए, विदेश मंत्री ने इस निंदनीय आतंकवादी कृत्य के दोषियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत जम्मू-कश्मीर हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए काम करना जारी रखेगा।
अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर को बढ़ावा देने पर जोर
अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में मौजूदा अव्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि आर्थिक अस्थिरता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने एससीओ में स्टार्टअप और नवाचार से लेकर पारंपरिक चिकित्सा और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे तक, कई क्षेत्रों में कई पहल की हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि एससीओ के भीतर सहयोग को गहरा करने के लिए और अधिक व्यापार, निवेश और आदान-प्रदान की आवश्यकता है। उन्होंने एससीओ क्षेत्र में सुनिश्चित ट्रांजिट की कमी की ओर इशारा किया, जो आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग की वकालत की गंभीरता को कमजोर करता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।