भुवनेश्वर बनेगा पूर्वी भारत का मत्स्य हब, पीएम मोदी ने किया आधुनिक मछली बाजार का शिलान्यास

Author : Aashika Singh

भुवनेश्वर बनेगा पूर्वी भारत का मत्स्य हब, पीएम मोदी ने किया आधुनिक मछली बाजार का शिलान्यास

ओडिशा की मत्स्य संपदा को नई दिशा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भुवनेश्वर के पंदारा में पूर्वी भारत के सबसे बड़े अत्याधुनिक मछली बाजार की आधारशिला वर्चुअल माध्यम से रखी। लगभग 5 एकड़ क्षेत्र में विकसित होने वाला यह बाजार न केवल व्यापारियों और उपभोक्ताओं की वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान करेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में भी नई ऊर्जा का संचार करेगा।

यह महत्वाकांक्षी परियोजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत 50 करोड़ रुपये के आवंटन से शुरू की जा रही है, जबकि कुल लागत 60 से 80 करोड़ रुपये तक आंकी गई है। बाजार का निर्माण भुवनेश्वर नगर निगम के सहयोग से किया जाएगा और 2027 तक इसके पूर्ण होने की संभावना है।

ओडीशा के मुख्यमंत्री मोहन मांझी ने इस उपलक्ष्य पर एक कार्यक्रम में कहा कि ‘ये केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक ऐसा केंद्र बनेगा जो मछली व्यापारियों, उपभोक्ताओं, मत्स्य किसानों और खुदरा विक्रेताओं, सभी के लिए लाभकारी होगा। यह पहल हमारे मछुआरों के जीवन में स्थायित्व और सम्मान दोनों लाएगी।’

क्यों थी यह परियोजना आवश्यक ? 

भुवनेश्वर का वर्तमान नंबर-4 थोक मछली बाजार वर्षों से अव्यवस्थित और सीमित सुविधाओं के कारण व्यापारियों के लिए चुनौती बना हुआ था। साफ-सफाई, कोल्ड स्टोरेज, और ऊर्जा व्यवस्था की कमी से व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। नया बाजार इन सभी समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करेगा, जिसमें एकीकृत थोक एवं खुदरा बाजार, सौर ऊर्जा संयंत्र, शीतगृह, और व्यापारियों के लिए समर्पित कार्यालय शामिल होंगे।

रोज़गार और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा

इस परियोजना के तहत 143 दुकानें स्थापित की जाएंगी और प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 2,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इसके साथ ही स्थानीय मत्स्य उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे राज्य की अन्य राज्यों पर निर्भरता कम होगी।

मुख्यमंत्री मांझी ने बताया कि राज्य में बायो-फ्लॉक तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि घरेलू स्तर पर मत्स्य पालन को सशक्त बनाया जा सके। यह प्रयास स्थानीय उत्पादन से स्थानीय आवश्यकता की पूर्ति के मंत्र को साकार करेगा।

पूरक परियोजनाओं से जुड़ेगा विकास का नया ताना-बाना 

पंदारा परियोजना को पश्चिम ओडिशा के संबलपुर ज़िले में हिराकुड़ स्थित 95.47 एकड़ में चल रही मत्स्य पालन परियोजना से भी जोड़ा गया है, जिसमें 100 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार क्रमशः 60 करोड़ और 40 करोड़ रुपये का योगदान दे रही हैं।

इन पहलों से ओडिशा न केवल पूर्वी भारत बल्कि पूरे देश में मत्स्य उत्पादन का अग्रणी केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। पंदारा का यह नया मछली बाजार एकीकृत जलीय कृषि और थोक व्यापार का पहला बड़ा हब होगा — जो राज्य में ‘नीली क्रांति’ की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा।