राष्ट्रपति मुर्मु आज संत कबीर हथकरघा पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार करेंगी प्रदान

राष्ट्रपति मुर्मु आज संत कबीर हथकरघा पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार करेंगी प्रदान

दिल्ली। 11वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस आज बुधवार को भारत मंडपम, नई दिल्ली में मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु शामिल हो रही हैं, जो 5 संत कबीर पुरस्कार विजेताओं और 19 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं सहित कुल 24 पुरस्कार विजेताओं को 2024 के प्रतिष्ठित संत कबीर हथकरघा पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार प्रदान करेंगी।

ये पुरस्कार राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) के अंतर्गत हथकरघा विपणन सहायता (एचएमए) घटक का हिस्सा हैं। ये पुरस्कार उन बुनकरों, डिज़ाइनरों, विपणकों, स्टार्ट-अप और उत्पादक कंपनियों के काम को मान्यता देते हैं, जो इस क्षेत्र में अपने काम के ज़रिए बदलाव लाए हैं। प्रत्येक संत कबीर पुरस्कार में 3.5 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, एक सोने का सिक्का (जड़ित), एक ताम्रपत्र, एक शॉल और एक प्रमाण पत्र शामिल है। प्रत्येक राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार में 2 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक ताम्रपत्र, एक शॉल और एक प्रमाण पत्र शामिल है।

सप्ताह भर चलने वाले समारोह: 1 से 8 अगस्त 2025

वहीं, 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह के एक भाग के रूप में, वस्त्र मंत्रालय ने भारत की समृद्ध हथकरघा विरासत का सम्मान करने और नए दर्शकों को जोड़ने के लिए नई दिल्ली में एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला तैयार की है।

बंधनों को बुनना: युवाओं को भारत की हथकरघा परंपराओं से दोबारा जोड़ना -राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय और हस्तकला अकादमी, नई दिल्ली में ‘अपनी बुनाई को जानें’ अभियान (1-7 अगस्त) – यह खास पहल युवा पीढ़ी को भारत की हथकरघा परंपराओं के साथ फिर से जोड़ने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो स्कूल और कॉलेज के छात्रों को हथकरघा के प्रति गहरी समझ प्रदान करती है।

इसमें निम्नलिखित शामिल हैं-

  • विभिन्न राज्यों के कुशल कारीगरों द्वारा बुनाई का लाइव प्रदर्शन
    बनारसी, चंदेरी, कांचीपुरम और पोचमपल्ली जैसी प्रतिष्ठित बुनाईयों पर इंटरैक्टिव कहानी-कथन
  • प्राकृतिक रंगाई, करघा तकनीक और वस्त्र कला पर कार्यशालाएँ
    निर्देशित भ्रमण, प्रश्नोत्तरी और रचनात्मक स्थापनाओं सहित छात्र गतिविधियाँ
  • यह अभियान न केवल शैक्षिक है, बल्कि युवाओं और बुनकर समुदाय के बीच भावनात्मक और सांस्कृतिक संबंधों को भी मज़बूत बनाता है।

अन्य प्रमुख आकर्षणों में शामिल हैं-

  • जनपथ स्थित हैंडलूम हाट में साड़ी महोत्सव (3-10 अगस्त) – हथकरघा साड़ियों की 116 बुनाई प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी
  • भारत मंडपम में फैशन शो ‘वस्त्र वेद’ और चाणक्यपुरी स्थित अशोका होटल में ‘नाद’ (7 अगस्त) – विभिन्न क्षेत्रों की खूबसूरत हथकरघा बुनाई पर ‘वस्त्र वेद – भारत की हथकरघा विरासत’ और विशिष्ट बुनाई पर ‘नाद – बुनाई का संगीत’
  • भारत मंडपम में इंडिया इंटरनेशनल हैंड-विवन एक्सपो (7-9 अगस्त) – भारतीय हथकरघा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों, निर्यातकों और बुनकरों को एक साथ लाना।