राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगेंगे स्मार्ट साइन बोर्ड, स्कैन करते ही मिलेगी हर सुविधा की लोकेशन

राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगेंगे स्मार्ट साइन बोर्ड, स्कैन करते ही मिलेगी हर सुविधा की लोकेशन

राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को आवागमन में आसानी हो इसके लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) राष्ट्रीय राजमार्गों के अलग-अलग हिस्सों में ‘क्विक रिस्पॉन्स (क्यूआर) कोड’ के साथ प्रोजेक्ट जानकारी वाले साइन बोर्ड लगाएगी। यह जानकारी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में दी गई। सरकार के इस कदम के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा करने यात्रियों को प्रोजेक्ट से संबंधित विशेष जानकारी और इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर मिल सकेंगे।

मंत्रालय के बयान के अनुसार, वर्टिकल क्यूआर कोड साइन बोर्ड पर प्रोजेक्ट से संबंधित जानकारी होगी, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग का नंबर, हाईवे का चेनेज, प्रोजेक्ट की लंबाई, निर्माण और रखरखाव का समय, हाईवे पेट्रोलिंग, टोल मैनेजर, प्रोजेक्ट मैनेजर, रेजिडेंट इंजीनियर, इमरजेंसी हेल्पलाइन 1033, एनएचएआई फील्ड ऑफिस का कॉन्टैक्ट नंबर और आस-पास की सुविधाओं जैसे अस्पताल, पेट्रोल पंप, शौचालय, पुलिस स्टेशन, रेस्टोरेंट, टोल प्लाजा की दूरी, ट्रक के लिए पार्किंग, पंचर ठीक करने की दुकान और वाहन सर्विस स्टेशन/ई-चार्जिंग स्टेशन आदि की जानकारी होगी।

इसके अलावा बेहतर विजिबिलिटी के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए क्यूआर कोड साइन बोर्ड को सड़क किनारे रेस्ट एरिया, टोल प्लाजा, ट्रक ले-बाय, हाईवे के शुरू/अंत के स्थानों और संकेतों के पास लगाए जाएंगे।
मंत्रालय ने कहा कि क्यूआर कोड साइन बोर्ड न केवल इमरजेंसी और स्थानीय जानकारी तक बेहतर पहुंच के माध्यम से सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद करेंगे, बल्कि देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों के बारे में उपयोगकर्ताओं का अनुभव और जागरूकता बढ़ाने में भी मददगार होंगे।

इस बीच, एनएचएआई को उम्मीद है कि अगर प्राधिकरण द्वारा चिन्हित सड़क संपत्तियों का समय पर मॉनेटाइजेशन हो जाता है, तो वित्त वर्ष 2026 में उसे 35,000-40,000 करोड़ रुपए मिलेंगे। यह पिछले तीन वर्षों में 10 स्वीकृत टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) पैकेज में देखे गए 0.62 गुना के औसत मूल्यांकन मल्टीपल पर आधारित है।

रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, “यह वित्त वर्ष 25 के 24,399 करोड़ रुपए के मॉनेटाइजेशन से काफी बेहतर होगा। इसके अलावा, यह वित्त वर्ष 2026 के लिए 30,000 करोड़ रुपए के बजटेड मॉनेटाइजेशन लक्ष्य से भी अधिक होगा।” वित्त वर्ष 2023 से एचएचएआई ने मॉनेटाइजेशन के लिए चिन्हित संपत्तियों की वार्षिक सूची प्रकाशित करना शुरू कर दिया है।