लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर महाबहस, विपक्ष के हर वार को पीएम मोदी ने किया नाकाम

Author : Suresh Jaiswal

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर महाबहस, विपक्ष के हर वार को पीएम मोदी ने किया नाकाम

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में दो दिन से जारी चर्चा के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जवाब देने के लिए खडे हुए तो शायद विपक्ष को भी ये अंदाजा नही रहा होगा कि प्रधानमंत्री विपक्ष को इस कदर एक-एक प्वाइंट पर इतना करारा पलटवार करेंगे । उनके भाषण में तथ्य था, आक्रामकता थी, विपक्ष पर वार था और सेना के शौर्य का गुणगान था। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात की शुरुआत ही विजयोत्सव से की और साफ कहा कि ये विजयोत्सव आतंकियों के हेडक्वार्टर को मिट्टी में मिलाने का है, ये विजयोत्सव सिंदूर की सौगंध पूरा करने का है, ये विजयोत्सव सेना के शौर्य की विजयगाथा है ।

प्रधानमंत्री ऑपरेशन सिंदूर पर अपनी बात विस्तार से रखते उससे पहले ही उन्होंने ये बता दिया कि लोकसभा में उनका ये बयान, उन लोगों को आईना दिखाने का प्रयास है, जिन्हें भारत का पक्ष नहीं दिखता है । उन्होंने पहलगाम हमले को भारत को हिंसा की आग में झोंकने की सुविचारित प्रयास करार दिया और कहा कि हमले के बाद ही पहलगाम के बाद सेना को कार्रवाई की खुली छूट दी गयी थी।

पीएम मोदी का ये बयान राहुल गांधी के उस आरोप का पलटवार था, जिसमें नेता विपक्ष ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना को खुली छूट नही थी । ऑपरेशन सिंदूर में सेना के शौर्य की पीएम मोदी ने खुलकर सराहना की और कहा कि आतंकियों को ऐसी सजा दी गयी कि आज भी आतंक के उन आकाओं की नींद उड़ी हुई है । प्रधानमंत्री ने बताया कि हमारी सेना ने 22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला निर्धारित लक्ष्य के साथ ले लिया।

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हालत को बयां करते हुए कहा कि हमले ने पाकिस्तान के कोने-कोने में आतंकी अड्डे को धुंआ-धुंआ कर दिया और पाकिस्तान की परमाणु धमकी को भी झूठा साबित कर दिया। उन्होंने कहा कि हालत ये है कि आज तक पाकिस्तान के कई एयरबेस आईसीयू में प़ड़े हैं । पीएम ने पाकिस्तान को कडा संदेश दिया और कहा कि न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग न चलेगी और न भारत इसके आगे झुकेगा।

प्रधानमंत्री ने एक और बात साफ कर दी कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है और अगर पाकिस्तान ने दोबारा दुस्साहस किया तो उसे करारा जवाब मिलेगा । विदेश नीति के मसले पर लोकसभा में चर्चा के दौरान तमाम विपक्षी नेताओं ने सवाल किया और पूछा कि आखिरकार संघर्षविराम किसके दबाव में हुआ। प्रधानमंत्री ने सख्त लहजे में बता दिया कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत को ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा था ।

उन्होंने देश को बताया कि 9 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें फोन करके बताया था पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है, इस पर उन्होंने अमेरिकी उपराष्ट्रपति को साफ कह दिया था कि अगर पाकिस्तान का हमले का इरादा है तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा। उन्होंने अमेरिकी उपराष्ट्रपति को साफ शब्दों में बता दिया कि भारत गोली का जवाब गोले से देंगा।

पीएम ने बताया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर का दुनिया ने समर्थन किया। उन्होंने बताया कि दुनिया में किसी भी देश ने भारत को कार्रवाई से नहीं रोका, केवल तीन देशों ने पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया था। इस मामले में विरोधियों पर हमला करते हुए पीएम ने कहा कि कुछ लोग सेना के तथ्यों की जगह पाकिस्तान के झूठ को आगे बढ़ाने में लगे हैं ।

पहलगाम पर विपक्ष के रुख पर बरसते हुए पीएम ने कहा कि पहलगाम में मारे गए लोगों में भी विपक्ष अपनी राजनीति तलाश रहा था। उन्होंने चेताया कि आप मीडिया में हेड लाइन तो ले सकते है लेकिन देश वासियों के दिलों में जगह नहीं बना सकते। चर्चा के दौरान विपक्ष ने संघर्षविराम पर सवाल उठाया तो प्रधानमंत्री ने उसका भी बहुत विस्तार से जवाब दिया और कहा कि हमारी सेना ने पाकिस्तान के हर कोने में प्रचंड प्रहार किया और हमारी मिसाइलों ने पाकिस्तान को घुटनों पर आने के लिए मजबूर कर दिया। हमला इतना तगड़ा था कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने कहा फोन करके कहा, बस करो बहुत मारा, प्लीज हमला रोक दो।

जाहिर सी बात है कि पीएम ने देशवासियों को साफ बता दिया कि सेना के शौर्य के आगे पाकिस्तान कांप गया। कांग्रेस के पी चिदंबरम, प्रणति शिंदे जैसे नेताओं के बयानों का भी पीएम मोदी ने जिक्र किया और कहा कि देश आत्मनिर्भर हो रहा लेकिन कांग्रेस मुद्दों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर हो रही है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग प्रपंच के प्रवक्ता बन गए हैं, और अब कांग्रेस का भरोसा पाकिस्तान के रिमोट कंट्रोल से बनता और बिगड़ता है ।

पीएम मोदी ने कहा कि देश हैरान है कि कांग्रेस ने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी है और इनकी ये हिम्मत कि आतंकी पाकिस्तानी थे। इसके सबूत मांग रहे है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम के आतंकी पाकिस्तान से थे। कांग्रेस उस पर सरकार से सबूत मांग रही है, और यही सब पाकिस्तान भी मांग रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पहलगाम के गुनहगारों को अंजाम तक पहुंचाया गया है, लेकिन उस पर भी सवाल उठ रहे हैं ।

पुराने उदाहरणों के जरिए प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे मुम्बई आतंकी हमले के बाद भी कांग्रेस का पाकिस्तान से प्रेम नहीं रुका और विदेशी दबाव में उस समय की सरकार ने पाकिस्तान से बातचीत शुरू कर दी । पुरानी कांग्रेस सरकारों पर हमला करते हुए पीएम ने कहा कि देश पर पाक प्रायोजित बड़े-बड़े हमले होते थे लेकिन यूपीए सरकार ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्ज दिया हुआ था। पाकिस्तान वहां से आतंकियों को भेजते रहे और कांग्रेस यहां अमन की आस के मुशायरे होते है, लेकिन मोदी सरकार ने पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा हटाया अटारी बॉर्डर पर ट्रेड बंद किया ।

बात निकली तो सिंधु जल समझौते तक गयी जिसे पीएम मोदी ने भारत की अस्मिता और स्वाभिमान के साथ किया गया बहुत बड़ा धोखा करार दिया । पीएम ने बताया कि कैसे इस समझौते से सिर्फ 20 फीसदी पानी देश को मिला, 80 प्रतिशत पानी उसको दिया, जो भारत को खुलेआम दुश्मन करार देता है, जबकि इस पानी पर देश का हक था ।

2014 के बाद देश में आतंकी घटनाओं को भी पीएम मोदी ने आंकडों के जरिए रखा और कहा कि अब इसमें काफी कमी आ गयी है । प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर वार किया तो नसीहत भी दी । उन्होंने कहा कि दल हित में हमारे मत मिले न मिले, लेकिन देश हित में हमारे मन जरुर मिलने चाहिए ।

(लेखक सुरेश जायसवाल वरिष्ठ पत्रकार हैं। वे डीडी न्यूज़ से जुड़े हुए हैं और राजनीतिक मामलों के जानकार हैं।)