1 दिसंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, रविवार को सर्वदलीय बैठक, इन मुद्दों को उठाएगा विपक्ष

संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है। इससे पहले रविवार को सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। जिससे सत्र सुचारू रूप से चल सके और अहम बिलों पर चर्चा आगे बढ़ सके। बैठक में सभी दल अपनी बात रखेंगे। सत्र शुरू होने से ठीक पहले होने वाली इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस बार कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।

इस बार विपक्ष पूरी जोरशोर से केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। एसआईआर, वोट चोरी, ऑपरेशन सिंदूर और वंदे मातरम जैसे मुद्दों पर विपक्ष केंद्र सरकार पर सवालों की बौछार कर सकता है। वहीं देखा जाए तो विपक्ष चुनाव आयोग की ओर से किए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का कड़ा विरोध करने की तैयारी कर रहा है। तो वहीं पश्चिम बंगाल में टीएमसी का प्रदर्शन भी इस सत्र में दखल दे सकता है। इसके साथ ही बूथ लेवल अफसरों (BLOs) की मौतों के मुद्दे से भी संसद गरमा सकती है।

SIR पर क्या बोले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे?

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि रविवार को संसद की बैठक है। उसके बाद ही हम बता पाएंगे कि SIR पर विपक्षी पार्टियों का क्या स्टैंड है? हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलेक्शन कमीशन जो SIR कर रहा है। बिहार में ऐसा कोई केस नहीं है जहां किसी का नाम SIR से हटाया गया हो। यह इलेक्शन इंडियन वोटों से होगा, बांग्लादेशी या विदेशी वोटों से नहीं। SIR का विरोध वे लोग कर रहे हैं जो इंडियन इलेक्शन को प्रभावित करने के लिए विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत करते हैं।

1 से 19 दिसंबर तक चले शीतकालीन सत्र

संसद का शीतकालीन सत्र 1 से 19 दिसंबर तक चलेगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू पहले ही बताया था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इन तारीखों पर सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी हैं। इस बार 19 दिनों के दौरान कुल 15 बैठकें निर्धारित हैं। 5 और 19 दिसंबर को निजी सदस्यों के विधेयकों पर तथा 12 दिसंबर को निजी सदस्यों के प्रस्तावों पर चर्चा होगी।

10 नए विधेयक पेश कर सकती है सरकार

केंद्र सरकार इस सत्र में 10 नए विधेयक पेश करने की योजना बना रहा है। इनमें परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025, हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल सहित सड़कों, कंपनियों और बाजार से जुड़े महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक शामिल हैं। जिन बिलों में संशोधन प्रस्तावित हैं, उनमें नेशनल हाईवेज (संशोधन) बिल, कॉरपोरेट लॉज (संशोधन) बिल, 2025, और सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड (SMC) बिल, 2025 शामिल हैं।