
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को बताया कि देश में 348 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं ऐसी हैं, जिन पर निर्माण कार्य कॉन्ट्रैक्ट में निर्धारित मूल समापन अवधि समाप्त होने के एक वर्ष बाद भी जारी है। इनमें से अधिकांश परियोजनाएं चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष 2026-27 में पूरी होने की उम्मीद है।
भूमि अधिग्रहण के मुआवजे में बढ़ोतरी
राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं वित्त वर्ष 2027-28 में पूरी होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि विभिन्न कारणों से कुछ परियोजनाओं की लागत में वृद्धि दर्ज की गई है। इनमें भूमि अधिग्रहण के मुआवजे में बढ़ोतरी, मूल्य वृद्धि, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में वृद्धि, सार्वजनिक मांग या अन्य कारणों से वाहन अंडरपास, पैदल अंडरपास, सर्विस रोड जैसी अतिरिक्त सुविधाओं का प्रावधान, रेलवे मानकों को पूरा करने के लिए सड़क ओवरब्रिज/अंडरब्रिज के डिजाइन और सामान्य व्यवस्था में परिवर्तन जैसे कारण शामिल हैं।
परियोजनाओं की प्रगति और ठेकेदारों से संबंधित मुद्दों की निगरानी
गडकरी ने आगे कहा कि सरकार ने परियोजनाओं की प्रगति और ठेकेदारों से संबंधित मुद्दों की निगरानी के लिए कई प्रणालियों का उपयोग करते हुए एक समग्र ढांचा तैयार किया है। परियोजना की प्रगति का आकलन करने और भूमि अधिग्रहण, सामग्री उपलब्धता, मंजूरी आदि से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए विभिन्न स्तरों पर नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं।
परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय
उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय मजबूत किया गया है तथा ठेकेदारों/रियायतग्राहियों से संबंधित सभी लंबित मुद्दों को हल करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
नई सड़कों को व्यावसायिक यातायात के लिए खोलने से पूर्व उनका स्वतंत्र मूल्यांकन
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्य भारतीय सड़क कांग्रेस के मानकों, दिशा-निर्देशों, नियमावली, आचार संहिता और सड़क एवं पुल निर्माण संबंधी विशिष्टताओं के अनुरूप किया जाता है। नई सड़कों को व्यावसायिक यातायात के लिए खोलने से पूर्व उनका स्वतंत्र मूल्यांकन करते हुए सड़क सुरक्षा ऑडिट किया जाता है। इसके बाद, सड़क संकेतक, चिह्न आदि सहित सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी पहचाने गए मुद्दों का समाधान किया जाता है। (इनपुट : आईएएनएस)
