वीजा को पीछे छोड़ दुनिया का शीर्ष रियल टाइम पेमेंट सिस्टम बना UPI, अमिताभ कांत ने जताई खुशी

वीजा को पीछे छोड़ दुनिया का शीर्ष रियल टाइम पेमेंट सिस्टम बना UPI, अमिताभ कांत ने जताई खुशी

नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम बनने पर खुशी जताई है। उन्होंने बताया कि UPI प्रतिदिन 65 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन दर्ज कर रहा है और इसने वीजा जैसे वैश्विक भुगतान प्लेटफॉर्म को भी पीछे छोड़ दिया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में अमिताभ कांत ने लिखा, “UPI ने वीजा को पीछे छोड़ दुनिया का लीडिंग रीयल टाइम पेमेंट सिस्टम बन गया है, जो प्रतिदिन 65 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन करता है। केवल 9 वर्षों में यह उपलब्धि इसके बेजोड़ पैमाने और गति को दर्शाती है। भारत से लेकर दुनिया तक, UPI डिजिटल पेमेंट क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है, जिसने नागरिकों के जीवन को पूरी तरह बदल दिया है।”

आरबीआई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में UPI ने कुल 185.8 अरब (185.8 बिलियन) ट्रांजैक्शन किए, जो पिछले साल की तुलना में 41% अधिक है। ट्रांजैक्शन का मूल्य भी 200 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपये हो गया। अब भारत का UPI सिस्टम दुनिया के सभी रियल-टाइम भुगतान प्रणालियों में 48.5% हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है। वहीं, भारत में कुल डिजिटल भुगतान वित्त वर्ष 2025 में 35% बढ़कर 221.9 अरब ट्रांजैक्शन तक पहुंच गया, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 164.4 अरब था। ट्रांजैक्शन वैल्यू में भी 17.97% की बढ़ोतरी हुई और यह बढ़कर 2,862 लाख करोड़ रुपये हो गया।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि क्रेडिट कार्ड से लेनदेन 2024 के 3.5 अरब से बढ़कर 2025 में 4.7 अरब हो गया है, जबकि डेबिट कार्ड से भुगतान में 29.5% की गिरावट आई और यह घटकर 1.6 अरब रह गया है। अब भारत में कुल गैर-नकद खुदरा भुगतान में डिजिटल पेमेंट की हिस्सेदारी 99.9% पहुंच चुकी है, जो एक साल पहले 99.8% थी।

UPI की सफलता को देखते हुए आरबीआई ने 2028-29 तक इसे 20 देशों तक विस्तार देने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल भारतीय UPI ऐप्स का उपयोग भूटान, फ्रांस, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में क्यूआर कोड के माध्यम से किया जा सकता है। इससे भारतीय पर्यटक, छात्र और कारोबारी अपने देश के ऐप्स से सीधे भुगतान कर सकते हैं। UPI की यह सफलता न केवल भारत की डिजिटल क्षमताओं को दर्शाती है, बल्कि यह वैश्विक फिनटेक लीडरशिप की दिशा में एक बड़ा कदम है।-