
नियमों के अनुसार, अगर कोई उपराष्ट्रपति दो साल से अधिक समय तक सेवा देता है तो उसे पेंशन और संबंधित सुविधाओं का लाभ मिलता है। धनखड़ ने अपने कार्यकाल में यह शर्त पूरी की है, इसलिए उन्हें ये लाभ प्राप्त होंगे।
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन अचानक इस्तीफा दे दिया जिसने सभी को चौंका दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा जो मंगलवार को स्वीकार कर लिया गया। धनखड़ का कार्यकाल 11 अगस्त 2027 तक चलना था, लेकिन उनके इस अप्रत्याशित कदम ने विपक्ष में कई अटकलों को जन्म दिया है।
धनखड़ को मासिक पेंशन
2018 के बजट के अनुसार, उपराष्ट्रपति का वार्षिक वेतन 48 लाख रुपये है जिसके आधार पर धनखड़ को मासिक पेंशन मिलेगी। पूर्व उपराष्ट्रपतियों को उनके वेतन का 50-60 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है, यानी धनखड़ को 2 लाख रुपये से अधिक की पेंशन मिल सकती है। इसके अलावा, उन्हें टाइप VIII सरकारी बंगला, मुफ्त हवाई और रेल यात्रा, मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं, निजी चिकित्सक, दो निजी सहायक और उनकी पत्नी के लिए एक निजी सचिव जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। उनके बंगले के बिजली और पानी के बिल भी सरकार वहन करेगी।
उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां
इस बीच, भारतीय निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। आयोग ने बताया कि संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों से मिलकर बनने वाला निर्वाचन मंडल, रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों का चयन और पिछले उपराष्ट्रपति चुनावों से संबंधित सामग्री तैयार की जा रही है। जल्द ही चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी।