
दिल्ली के आईटीओ स्थित इंदिरा पर्यावरण भवन में आज “स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कार एवं वेटलैंड शहर सम्मान समारोह” का आयोजन हुआ। इस मौके पर देशभर के उन शहरों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने वायु गुणवत्ता सुधार, पर्यावरण संरक्षण और जल-संरक्षण में बेहतरीन काम किया है। इस पुरस्कार में शहरों को उनकी जनसंख्या के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा गया 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर, 3 से 10 लाख आबादी वाले शहर और 3 लाख से कम आबादी वाले शहर। 10 लाख से अधिक आबादी वाली श्रेणी में मध्यप्रदेश का इंदौर शहर लगातार एक बार फिर नंबर-1 रहा। इंदौर को इसके लिए 1.5 करोड़ रुपये नकद इनाम, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र दिया गया। जबलपुर दूसरे स्थान पर रहा जिसे 200 में से 199 अंक मिले और उसे 1 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दी गई। तीसरे स्थान पर संयुक्त रूप से उत्तर प्रदेश का आगरा और गुजरात का सूरत रहा, दोनों को 200 में से 196 अंक मिले। इन दोनों शहरों को संयुक्त 50 लाख रुपये की राशि में से 25-25 लाख रुपये दिए गए।
वहीं 3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों में महाराष्ट्र का अमरावती पहले स्थान पर रहा और उसे 75 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया। दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से उत्तर प्रदेश के झांसी और मुरादाबाद को 50 लाख रुपये की राशि मिली, जबकि राजस्थान का अलवर तीसरे स्थान पर रहा। 3 लाख से कम आबादी वाले शहरों में मध्यप्रदेश का देवास पहले स्थान पर रहा और उसे 35 लाख रुपये का इनाम दिया गया। दूसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश का परवाणू रहा जिसे 25 लाख रुपये मिले, जबकि ओडिशा का अम्दुल शहर तीसरे स्थान पर रहा और उसे 12.5 लाख रुपये की राशि दी गई।
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि यह उपलब्धि शहरवासियों और जनप्रतिनिधियों की साझी मेहनत का नतीजा है। सूरत की नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने कहा कि लगातार टॉप 3 में बने रहना गर्व की बात है। आगरा की महापौर हेमलता दिवाकर ने कहा कि लगातार तीसरी बार आगरा को यह सम्मान मिलना सही दिशा में किए जा रहे काम का प्रमाण है। वहीं, जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह ने इस पुरस्कार को शहर के नागरिकों को समर्पित किया।
समारोह में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा मिली है। उन्होंने बताया कि 2014 में देश में केवल 25 वेटलैंड साइट्स थीं जो अब बढ़कर 91 हो गई हैं। जल संरक्षण के लिए “अमृत सरोवर योजना” चलाई जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि देश की 17 प्रतिशत आबादी को केवल 1.5 प्रतिशत मीठा पानी मिलता है, इसलिए जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर “स्वच्छता सेवा पखवाड़ा” मनाया जाएगा। इस दौरान देशभर में बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा और “एक पेड़ मां के नाम” अभियान को बढ़ावा दिया जाएगा।-(IANS)