मन की बात: 11 साल का संवाद जो बना नए भारत का स्वर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रेडियो कार्यक्रम मन की बात आज शुक्रवार को अपने 11 साल पूरे कर रहा है। पहला मन की बात कार्यक्रम विजयादशमी के अवसर पर 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित किया गया था। इसके बाद दूसरा प्रसारण 2 नवंबर 2014 को हुआ। अब तक 126 एपिसोड्स के साथ जन-जन तक पहुंच चुका यह कार्यक्रम, केवल एक रेडियो शो नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक क्रांति का प्रतीक है। यह सरकार और नागरिकों के बीच सीधा संवाद स्थापित करता है, सामाजिक बदलाव को प्रेरित करता है और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करता है। मन की बात ने न केवल नीतियों को जन-आंदोलन में बदला, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे एक नेता की आवाज़ देश के हर कोने तक पहुंच सकती है।

दरअसल, मन की बात 11 वर्षों में एक रेडियो शो से कहीं अधिक बन चुका है। यह एक सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक मंच है, जो जनता की भागीदारी, नीतिगत प्रचार और सांस्कृतिक एकता को जोड़ता है। यह पारंपरिक और डिजिटल मीडिया के संयोजन से संदेश को हर कोने तक पहुंचाता है, सामाजिक बदलाव को प्रेरित करता है और राष्ट्रीय गौरव को मजबूत करता है। मन की बात न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नेताओं के लिए एक मिसाल है कि कैसे वैकल्पिक मीडिया के माध्यम से जनता से सीधा संवाद स्थापित किया जा सकता है। यह भारत की बदलती तस्वीर का प्रतीक है, जो एकजुटता, सांस्कृतिक गौरव और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देता है।

जनता से सीधा संवाद: एक अनोखा मंच

मन की बात का सबसे बड़ा आकर्षण इसका सरल, संवादी और गैर-राजनीतिक स्वरूप है। इस संवाद में ऐसा प्रतीत होता है, मानो प्रधानमंत्री प्रत्येक नागरिक से व्यक्तिगत रूप से बात कर रहे हों। स्वच्छता, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक मूल्यों जैसे विषयों पर केंद्रित यह कार्यक्रम राजनीतिक विवादों से दूर रहता है। यह सामान्य लोगों की कहानियों को राष्ट्रीय मंच देता है, जैसे स्वच्छ भारत अभियान के तहत सफाई कर्मचारियों या छोटे उद्यमियों की सफलता की कहानियां। कार्यक्रम की क्षेत्रीय और भाषाई समावेशिता इसे और प्रभावी बनाती है। हिंदी के साथ-साथ इसे विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों में प्रसारित किया जाता है। आकाशवाणी और दूरदर्शन के व्यापक नेटवर्क, जिसमें डीडी फ्री डिश के 48 रेडियो और 92 निजी टीवी चैनल शामिल हैं, इसे ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों तक ले जाते हैं। मायगव पोर्टल, नमो ऐप, पत्र और वॉयस मैसेज के माध्यम से जनता के सुझावों को शामिल करना इसे लोकतांत्रिक बनाता है। यह न केवल नागरिकों को अपनी आवाज़ उठाने का मौका देता है, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास भी बढ़ाता है।

सामाजिक बदलाव और नीति का जन-आंदोलन

मन की बात ने सामाजिक और व्यवहारिक बदलाव को बढ़ावा देने में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, आत्मनिर्भर भारत और जल संरक्षण जैसे अभियानों को इसने जन-आंदोलन का रूप दिया। उदाहरण के लिए, स्वच्छता पर आधारित एपिसोड्स ने सफाई को सामूहिक जिम्मेदारी में बदला, जबकि वोकल फॉर लोकल ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित किया। कोविड-19 महामारी के दौरान इसने फ्रंटलाइन वर्कर्स और पारंपरिक प्रथाओं जैसे योग को उजागर कर संकट को एकजुटता की कहानी में बदला। यह कार्यक्रम नीतियों को लागू करने और जनता को प्रेरित करने के बीच की खाई को पाटता है। स्कूलों, ग्राम पंचायतों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा आयोजित सामूहिक सुनने के सत्र सामुदायिक जागरूकता को बढ़ाते हैं। साथ ही, यह बिना अतिरिक्त खर्च के आकाशवाणी के संसाधनों से निर्मित होता है और अब तक लगभग 35 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित कर चुका है, जो इसकी लागत-प्रभाविता को दर्शाता है।

बहु-मंच रणनीति और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

मन की बात की सफलता का आधार इसकी बहु-मंच रणनीति है। रेडियो की सादगी इसे ग्रामीण और इंटरनेट से वंचित क्षेत्रों तक पहुंचाती है, जबकि दूरदर्शन, यूट्यूब, ट्विटर/एक्स, इंस्टाग्राम और प्रसार भारती की ओटीटी सेवा WAVES इसे शहरी और वैश्विक दर्शकों तक ले जाती हैं। न्यूजऑनएयर ऐप और पीबी शब्द जैसे प्लेटफॉर्म्स इसे और व्यापक बनाते हैं। अप्रैल 2023 में इसका 100वां एपिसोड संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय सहित विश्व स्तर पर प्रसारित हुआ, जो इसकी वैश्विक पहुंच का प्रमाण है। यह कार्यक्रम सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को भी बढ़ावा देता है। भारतीय परंपराओं, त्योहारों, भाषाओं और अनसुने नायकों को उजागर कर यह “विविधता में एकता” की भावना को मजबूत करता है। क्षेत्रीय संस्कृतियों और स्थानीय कहानियों का उल्लेख राष्ट्रीय एकता को बढ़ाता है, जबकि वैश्विक मंच पर भारत की सॉफ्ट पावर को प्रोजेक्ट करता है। यह न केवल देश के भीतर, बल्कि प्रवासी भारतीयों के बीच भी राष्ट्रीय गौरव को प्रेरित करता है।

आत्मनिर्भरता की प्रेरणा, सपनों को उड़ान

प्रधानमंत्री मोदी का रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ देशवासियों के लिए प्रेरणा का सशक्त मंच है। यह मासिक प्रसारण सामाजिक जागरूकता के साथ-साथ आम लोगों की असाधारण कहानियों को उजागर करता है, जो लाखों को अपने सपनों को हकीकत में बदलने की हिम्मत देता है। उदाहरणस्वरूप, कई युवा इस कार्यक्रम से प्रेरित होकर पारंपरिक नौकरियां छोड़, जैविक खेती, हस्तशिल्प और पारंपरिक कलाओं में नए आयाम गढ़ रहे हैं। इससे न केवल उनकी जिंदगी बदली, बल्कि आत्मनिर्भरता की भावना ने देश को सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए।