कफ सीरप की गुणवत्ता पर केंद्र की बड़ी बैठक, राज्यों को सख्त कार्रवाई के निर्देश

Author : Nitendra Singh

कफ सीरप की गुणवत्ता पर केंद्र की बड़ी बैठक, राज्यों को सख्त कार्रवाई के निर्देश

बच्चों की मौत से जुड़े खांसी की दवा (कफ सीरप) के मामलों के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की।इस बैठक में कफ सीरप की गुणवत्ता,सुरक्षा और सही उपयोग पर चर्चा की गई।

बैठक में यह साफ कहा गया कि सभी दवा निर्माता कंपनियां संशोधित शेड्यूल M के नियमों का सख्ती से पालन करें।

जो कंपनियां मानकों पर खरा नहीं उतरतीं उनके खिलाफ लाइसेंस रद्द करने और कानूनी कार्रवाई की जाए

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को निर्देश दिया कि कफ सीरप का इस्तेमाल बच्चों में सोच-समझकर किया जाए, क्योंकि ज्यादातर खांसी अपने आप ठीक हो जाती है और दवा की जरूरत नहीं होती।

बैठक में सीडीएससीओ, आईसीएमआर,एनसीडीसी, और तमाम राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हुए।हाल ही में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के बाद जांच में पाया गया कि एक दवा ‘Coldrif’ कफ सीरप में DEG नामक केमिकल की मात्रा तय सीमा से ज्यादा थी।इस दवा को बनाने वाली तमिलनाडु की फैक्ट्री पर कार्रवाई की जा चुकी है और उसका लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को यह भी निर्देश दिए कि

  • सभी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र किसी भी असामान्य बीमारी की तुरंत रिपोर्ट करें।
  • दवा की दुकानों पर कफ सीरप की बिक्री पर सख्ती से नजर रखी जाए।
    बच्चों को बिना जरूरत के कफ सीरप न दी जाए।
  • राज्यों के बीच तालमेल बढ़ाया जाए ताकि ऐसी घटनाओं की जल्दी पहचान और कार्रवाई हो सके।

बैठक में यह भी बताया गया कि देश के 6 राज्यों में 19 दवा कंपनियों की रिस्क बेस्ड जांच शुरू की गई है, ताकि उत्पादन में किसी भी तरह की गड़बड़ी पकड़ी जा सके।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सरकार दवाओं की गुणवत्ता और मरीजों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सभी राज्यों से कहा गया कि वे सतर्क रहें और ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए तुरंत और सख्त कदम उठाएं।