
भारत सरकार का कर्ज वित्त वर्ष 2031 तक जीडीपी के 77 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2035 तक 71 प्रतिशत तक घट सकता है, जबकि वर्तमान में यह 81 प्रतिशत है। बुधवार को जारी केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, जीडीपी अनुपात के मुकाबले कर्ज में यह गिरावट सरकार के राजकोषीय समेकन प्रयासों और लगभग 6.5 प्रतिशत की स्थिर जीडीपी वृद्धि दर के कारण संभव होगी।
कुछ राज्यों द्वारा दी जाने वाली मुफ्त रेवड़ियों और डेट की स्थिति को भविष्य में मॉनिटर किया जाना आवश्यक है
हालांकि, कुछ राज्यों द्वारा दी जाने वाली मुफ्त रेवड़ियों और डेट की स्थिति को भविष्य में मॉनिटर किया जाना आवश्यक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के सरकारी डेट में कमी आने का अनुमान है, लेकिन राजस्व प्राप्तियों की तुलना में ब्याज भुगतान में वृद्धि एक चुनौती बनी रहेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, विकसित देशों में ऊंची महंगाई का कारण है बढ़ती सेवा लागत, मजदूरी और कर्ज का स्तर
ग्लोबल इकोनॉमी अपडेट शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकतर विकसित अर्थव्यवस्थाओं में ज्यादा महंगाई दर की वजह बढ़ती सेवा लागत, बढ़ती मजदूरी और बढ़ता डेट के स्तर हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते टैरिफ ने भी अमेरिका में महंगाई को बढ़ावा दिया है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने सितंबर में अपनी नीतिगत दर में 25 आधार अंकों की कटौती की थी और इस साल दो और कटौती का संकेत दिया है
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने सितंबर में अपनी नीतिगत दर में 25 आधार अंकों की कटौती की थी और इस साल दो और कटौती का संकेत दिया है। केयरएज रेटिंग्स ने संकेत दिया है कि लंबे समय तक शटडाउन रहने से उपभोक्ता और निवेशक धारणा कमजोर हो सकती है और समग्र आर्थिक गतिविधि धीमी हो सकती है।
जापान में मुद्रास्फीति कम हो रही है, लेकिन पिछले तीन वर्षों से लगातार केंद्रीय बैंक के 2 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है
जापान में मुद्रास्फीति कम हो रही है, लेकिन पिछले तीन वर्षों से लगातार केंद्रीय बैंक के 2 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार को उम्मीद है कि साल के अंत तक बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना है।
केयरएज ने कहा कि ऊंचे कर्ज स्तर के कारण ग्रीस, अमेरिका, फ्रांस सहित कई विकसित देशों की सैन्य खर्च बढ़ाने की क्षमता सीमित है
केयरएज ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि ग्रीस, अमेरिका, फ्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और कनाडा सहित कई एडवांस अर्थव्यवस्थाओं के पास पहले से ही बढ़े हुए कर्ज के स्तर के कारण सैन्य खर्च बढ़ाने की सीमित राजकोषीय क्षमता है। (इनपुट-आईएएनएस)
