
भारत और अमेरिका के रिश्तों में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। अमेरिका के नए राजदूत सर्जियो गोर ने भारत पहुंचते ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने के संकेत दिए हैं। 38 वर्षीय सर्जियो गोर, जो अमेरिका के सबसे युवा राजदूत हैं और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी माने जाते हैं, 9 अक्टूबर को वाशिंगटन से डिप्टी सेक्रेटरी फॉर मैनेजमेंट एंड रिसोर्सेज माइकल जे. रिग्स के साथ नई दिल्ली पहुंचे। उनका यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई एक विशेष और गर्मजोशी भरी मुलाकात पर समाप्त हुआ, जिसमें रक्षा, व्यापार, तकनीक और “क्रिटिकल मिनरल्स” जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। इन खनिजों को दोनों देशों की हरित ऊर्जा और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता के लिए अहम माना जाता है।
सर्जियो गोर ने 8 अक्टूबर को अमेरिकी सीनेट से पुष्टि मिलने के अगले ही दिन कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने भारत पहुंचने के तुरंत बाद कई उच्चस्तरीय बैठकों में भाग लिया जिनमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ गहन वार्ताएं शामिल थीं। जयशंकर ने भारत-अमेरिका संबंधों को “वैश्विक महत्व” का बताते हुए गोर को दक्षिण और मध्य एशिया के लिए विशेष दूत के रूप में भी शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई मुलाकात के बाद गोर ने कहा, “यह मेरे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है कि मैं भारत आया हूं। आज हमने विदेश सचिव, विदेश मंत्री और एनएसए से उपयोगी बैठकें कीं, और अभी-अभी प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक अविश्वसनीय चर्चा पूरी की। हमने रक्षा, व्यापार और तकनीक के साथ-साथ क्रिटिकल मिनरल्स पर भी विस्तार से बात की। राष्ट्रपति ट्रंप, प्रधानमंत्री मोदी को एक व्यक्तिगत मित्र मानते हैं और मैं इस रिश्ते को और मजबूत करने के लिए उत्साहित हूं।” प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस मुलाकात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “सर्जियो गोर से मिलकर खुशी हुई। मुझे विश्वास है कि उनका कार्यकाल भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और सशक्त करेगा।” इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने गोर को ट्रंप-मोदी शिखर सम्मेलन की एक विशेष हस्ताक्षरित तस्वीर भेंट की, जिस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा था, ‘मिस्टर प्राइम मिनिस्टर यू आर ग्रेट’।
सोवियत संघ में जन्मे और बाद में अमेरिकी नागरिक बने सर्जियो गोर ने व्हाइट हाउस प्रेसिडेंशियल पर्सनल ऑफिस के निदेशक के रूप में 4000 से अधिक अधिकारियों की नियुक्ति की निगरानी की थी। उन्हें ट्रंप प्रशासन के दौरान “सबसे ताकतवर लेकिन अनसुना व्यक्ति” कहा गया। उनकी नियुक्ति बताती है कि भारत ट्रंप की एशिया नीति का केंद्र है। अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा कि अमेरिका “एक सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र” के निर्माण के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा। यह चीन की आक्रामक नीतियों का जवाब देने और QUAD तथा iCET जैसी पहलों को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हालांकि, आगे चुनौतियां भी हैं- ट्रंप की संभावित व्यापारिक नीतियां और H1B वीजा सीमाएं भारत-अमेरिका के 200 अरब डॉलर के व्यापार और 45 लाख भारतीय-अमेरिकी समुदाय को प्रभावित कर सकती हैं। लेकिन सर्जियो गोर की कूटनीतिक दृष्टिकोण और नेतृत्व कौशल इन तनावों को कम करने में सहायक हो सकती है। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा, “अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के सशक्त नेतृत्व में दोनों राष्ट्रों के लिए आने वाले दिन उज्जवल हैं।
