
कानून और न्याय मंत्रालय के विधि कार्य विभाग ने नोटरीज (संशोधन) नियम, 2025 अधिसूचित किए हैं, जिसके तहत गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान और नागालैंड में नोटरी की अधिकतम संख्या बढ़ा दी गई है। यह संशोधन 17 अक्टूबर 2025 को जी.एस.आर. 763(ई) के माध्यम से जारी किया गया और इसके साथ ही यह आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने की तारीख से प्रभावी हो गया।
यह संशोधन नोटरीज अधिनियम, 1952 की धारा 15 के तहत केंद्र सरकार को प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए किया गया है। इसके तहत नोटरीज़ नियम, 1956 की अनुसूची में बदलाव किया गया है। संशोधन के मुताबिक,अब गुजरात में नोटरी की अधिकतम संख्या 2,900 से बढ़ाकर 6,000, तमिलनाडु में 2,500 से बढ़ाकर 3,500, राजस्थान में 2,000 से बढ़ाकर 3,000 और नागालैंड में 200 से बढ़ाकर 400 कर दी गई है।
केंद्र सरकार ने यह कदम संबंधित राज्य सरकारों के अनुरोधों के बाद उठाया है। राज्यों ने यह मांग बढ़ती जनसंख्या, जिलों, तहसीलों और तालुकों की संख्या में वृद्धि तथा नोटरी सेवाओं की बढ़ती जरूरत को ध्यान में रखते हुए की थी। गौरतलब है कि नोटरी वह अधिकृत व्यक्ति होता है जिसे सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है ताकि वह दस्तावेजों, अनुबंधों, हलफनामों और अन्य कानूनी कागजों की सत्यता की पुष्टि कर सके। नोटरी का कार्य यह सुनिश्चित करना होता है कि संबंधित दस्तावेज सही तरीके से हस्ताक्षरित और प्रमाणित किए गए हैं तथा उनका उपयोग कानूनी रूप से मान्य है। यह सेवा नागरिकों को संपत्ति, व्यवसाय, बैंकिंग और न्यायिक कार्यों में दस्तावेजों के सत्यापन के लिए अत्यंत आवश्यक होती है।
इस संशोधन का उद्देश्य आम जनता को न्यायिक सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करना और प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाना है। इससे इन राज्यों में नागरिकों को दस्तावेज़ प्रमाणीकरण, अनुबंध सत्यापन, हलफनामे और कानूनी दस्तावेजों की नोटरी सेवा समय पर उपलब्ध हो सकेगी।-
