प्रधानमंत्री मोदी ने फिर जवानों के साथ मनाई दिवाली- “देश ही परिवार है” का दिया संदेश

Author : Aashika Singh 

प्रधानमंत्री मोदी ने फिर जवानों के साथ मनाई दिवाली- “देश ही परिवार है” का दिया संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष भी अपनी परंपरा निभाते हुए दिवाली में सीमा पर तैनात वीर जवानों के साथ मनाई। इस बार वे करवार के समीप आईएनएस विक्रांत पर नौसेना के अधिकारियों व नाविकों के साथ रहे। उनके इस कदम ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि उनके लिए “देश ही परिवार है” और सीमा पर तैनात सैनिक उनके लिए अपने हैं।

जहां दीपक की लौ घरों के साथ-साथ सीमाओं पर भी जलती है और इसका अर्थ यही है कि देश की सुरक्षा और जवानों की निष्ठा राष्ट्र की सांझी पहचान हैं

यह परंपरा अब प्रतीकात्मक अनुष्ठान से बढ़कर राष्ट्रभावना का उत्सव बन चुकी है। जहां दीपक की लौ घरों के साथ-साथ सीमाओं पर भी जलती है और इसका अर्थ यही है कि देश की सुरक्षा और जवानों की निष्ठा राष्ट्र की सांझी पहचान हैं। प्रधानमंत्री का हर साल सैनिकों के बीच दीप प्रज्वलित करना यह याद दिलाता है कि सीमाओं पर रहने वाले सैनिक देश के अभिन्न अंग हैं  और उनके साहस के कारण ही घर-घर में दीप जल रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक किन-किन स्थानों पर सैनिकों के साथ दिवाली मनाई है?

2024 – गुजरात (कच्छ, सर क्रीक) : सीमा सुरक्षा बल, थल सेना और नौसेना के जवानों के साथ। 2023 – हिमाचल प्रदेश (लेपचा) : सेना, वायुसेना और नौसेना के साथ; विदेशों में बचाव अभियानों की सराहना। 2022 – करगिल : “करगिल का हर पत्थर भारत की विजय गाथा कहता है,” के शब्द। 2021- जम्मू-कश्मीर (नौशहरा) : शौर्य को नमन। 2020- राजस्थान (जैसलमेर, लॉन्गेवाला पोस्ट) : 1971 युद्ध के पराक्रम को याद करते हुए। 2019- राजौरी (LoC) : ‘हॉल ऑफ फ़ेम’ का दौरा और शहीदों को श्रद्धांजलि। 

2018 – उत्तराखंड (हर्षिल) : ITBP जवानों के साथ, मिठाई खिलाते हुए। 2017- जम्मू-कश्मीर (गुरेज सेक्टर) : LoC के पास जवानों से मुलाकात। 2016- हिमाचल प्रदेश (चीन सीमा के निकट) : दूरस्थ सामरिक क्षेत्र में जवानों के साथ। 2015- पंजाब (खस्सा, अमृतसर के पास) : डोगराई वार मेमोरियल पर श्रद्धांजलि। 2014 – सियाचिन : प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली दिवाली सियाचिन बेस कैंप में बितायी।

सीमा पर दीप जलाना राष्ट्रीय एकता और सैनिक-नागरिक संबंध का प्रतीक है

प्रधानमंत्री मोदी की ये वार्षिक पहल सिर्फ रस्मी नहीं-यह उन करोड़ों परिवारों के प्रति सम्मान और आभार का व्यावहारिक प्रदर्शन है जो शांति और सुरक्षा के कारण ही अपने घरों में उत्सव मना पाते हैं। सीमा पर दीपक जलाना इस अर्थ में भी महत्वपूर्ण है कि यह राष्ट्रीय एकता और सैनिक-नागरिक संबंध की ऐसी तस्वीर पेश करता है जो हर भारतीय के मन में गहरे प्रभाव छोड़ती है।