केंद्र का बड़ा दावा: एविएशन सेक्टर में ग्रीन एनर्जी का बढ़ता दायरा, देश के 93 एयरपोर्ट 100% स्वच्छ ऊर्जा पर संचालित

केंद्र का बड़ा दावा: एविएशन सेक्टर में ग्रीन एनर्जी का बढ़ता दायरा, देश के 93 एयरपोर्ट 100% स्वच्छ ऊर्जा पर संचालित

भारत के 93 हवाई अड्डे अब 100% हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका मतलब है कि इन एयरपोर्ट्स पर बिजली और ऊर्जा की जरूरतें स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल स्रोतों से पूरी की जा रही हैं। यह जानकारी सरकार की ओर से शुक्रवार को दी गई।

दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु एयरपोर्ट अब कार्बन न्यूट्रल बन चुके हैं

नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने लोकसभा में बताया कि दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु एयरपोर्ट्स ने कार्बन उत्सर्जन कम करने का सर्वोच्च स्तर (लेवल-5) हासिल कर लिया है। एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल के अनुसार, ये एयरपोर्ट अब कार्बन न्यूट्रल बन चुके हैं, यानी इनसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गैसों का उत्सर्जन लगभग न के बराबर है।

अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ) को बढ़ावा देने की योजना

सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ) को बढ़ावा देने की योजना भी बनाई है। इसके तहत सामान्य विमान ईंधन में वर्ष 2027 तक 1%, 2028 तक 2% और 2030 तक 5% ग्रीन फ्यूल मिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नीति तैयार

मंत्री ने बताया कि सरकार ने देशभर में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के विकास के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नीति तैयार की है। इसके तहत यदि कोई राज्य सरकार या निजी कंपनी नया एयरपोर्ट विकसित करना चाहती है, तो उसे नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) को प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा।

मौजूदा एयरपोर्ट्स का विकास ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने में सहायक

उन्होंने कहा कि नए और मौजूदा एयरपोर्ट्स का विकास ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने में सहायक होगा। इससे दूर-दराज के इलाकों को देश और दुनिया से जोड़ा जा सकेगा, पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, लॉजिस्टिक्स मजबूत होगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

प्रमुख ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों से कनेक्टिविटी में सुधार

मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसे प्रमुख ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों से कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इससे आसपास के क्षेत्रों में उद्योग, शहरी विकास और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और लॉजिस्टिक्स हब के विकास में भी मदद मिलेगी।

सरकार ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत भारत में विमानों और उनसे जुड़े उपकरणों के निर्माण को भी कर रही है प्रोत्साहित  

सरकार ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत भारत में विमानों और उनसे जुड़े उपकरणों के निर्माण को भी प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए जीएसटी दरों में सुधार, रॉयल्टी समाप्त करना, विदेशी पायलटों और तकनीकी स्टाफ के लिए वीजा नियमों को सरल बनाना और मरम्मत के लिए आयात किए गए उपकरणों पर नियमों में छूट जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। (इनपुट: आईएएनएस)